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दुनिया के भरोसे जिंदगी के फैसले मत लेना: जया किशोरी
नानी बाई रो मायरो की कथा के समापन में पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल ने भरा नानी बाई का मायरा
इंदौर । विश्व विख्यात प्रवचन कार जया किशोरी जी ने कहा है कि दुनिया के भरोसे जिंदगी के फैसले कभी भी मत लेना । जिंदगी का फैसला लेते समय यह मत सोचना कि लोग क्या कहेंगे ? आज घर-घर में महिलाएं ही महिलाओं से ईर्ष्या कर रही हैं, एक-दूसरे से झगड़ रही हैं । बेटी तो शादी के दूसरे दिन ही अपने ससुराल को अपना घर बना लेती है जबकि शादी के कई सालों बाद भी जवाई अपने ससुराल को अपना घर नहीं मान पाता है ।
वे श्री गीता रामेश्वरम परमार्थिक न्यास के द्वारा यहां तिलक नगर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के मैदान में आयोजित की गई तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो कथा का आज तीसरे और अंतिम दिवस पर श्रवण करवा रही थी। आज रविवार का दिन होने के कारण पूर्व के दिवस की अपेक्षा बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालु कथा का श्रवण करने के लिए पहुंचे। उन्होंने कथा की शुरुआत भगवान को मायरा भरने के लिए बुलाने के लिए राधा जी की स्तुति के साथ की। उन्होंने कहा कि जब भगवान कृष्ण को मनाना होता है तो पहले राधा जी के नाम का जाप करना होता है।
उन्होंने कहा कि हम लोग रीति रिवाज के नाम पर बेटी को हमेशा से परिवार से अलग करते आए हैं । शादी को कितने भी साल हो जाएं जमाई कभी भी अपने ससुराल को अपना घर नहीं मानता है जबकि बेटी शादी के अगले दिन से ही ससुराल को अपना घर मान लेती है । महिलाएं ही महिलाओं से इर्ष्या करती है । आज घरों में महिलाएं ही एक-दूसरे से झगड़ रही हैं । उन्हें एक दूसरे की स्थिति को समझना चाहिए । सास जब बहू बनकर आई थी तब उनके साथ में बुरा व्यवहार किया गया था । आज वह अपनी बहु के साथ बुरा व्यवहार कर रही हैं । उन्हे चाहिए कि वह एक दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें।
जया किशोरी जी ने भक्तों को ज्ञान देते हुए कहा कि जिंदगी के फैसले कभी भी दुनिया के भरोसे मत लेना । दुनिया क्या कहेगी ? यह सोचकर फैसला मत लेना । दुनिया नई बात को 9 दिन तक करती है और बहुत हुआ तो बात 12 दिन तक चलती है । उसके बाद फिर उन्हें करने के लिए कोई नई बात मिल जाती है । एक दुखी व्यक्ति को कभी भी कोई ज्ञान समझ में नहीं आता है । जब भी आप दुखी हो तो कभी भी खाली मत बैठो । अपने आपको व्यस्त बना कर रखो।
उन्होंने बच्चों की जिद्द की चर्चा करते हुए कहा कि यदि हम आज इनकी जिद पूरी नहीं करेंगे तो वह थोड़ी देर रोएगा लेकिन यदि आज हम उसकी हर जिद पूरी करते रहेंगे तो वह जिंदगी भर हमें रुलाएगा । बच्चे से लाड करने का मतलब यह नहीं है कि उसे गलत चीजें सिखाई जाएं ।
इंदौर में तिलक नगर के मैदान पर आयोजित किए गए 3 दिन के आयोजन के अंत में कथा के प्रसंग के अनुसार भगवान सांवरिया सेठ स्वयं नानी बाई का मायरा भरने के लिए जाते हैं । कथा के प्रसंग के अनुसार कथा स्थल पर कथा के आयोजक पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल अपने परिवार के सदस्यों के साथ मायरा लेकर आए। उन्होंने व्यास पीठ पर विराजी जया किशोरी जी को चुनरी पहनाकर स्वागत किया ।
कथा के प्रारंभ में राधेश्याम पटेल ने सप्तनीक व्यासपीठ का पूजन किया । व्यासपीठ की आरती पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सचिव सचिन वत्स, देवास के पूर्व महापौर जय सिंह दरबार , वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उमराव सिंह मौर्य , हुकुम सिंह सांखला , रामस्वरूप गहलोत , मोती सिंह पटेल ने की ।